I went to a garden onceI stood alone and looked aroundWondering at the beauty abound Come my child…the wind whispered…Not knowing who I heard…I walked down the path curved…And there she was in all her glory…Mother Nature…I said surely… Come my child…I heard againEmbrace me and soak in the gentle rainLet not any anguish remain…Continue reading “Garden of Life”
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वफ़ादार तारे
एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज , देखो एक तारा टूटा है एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज, देखो एक तारा टूटा है दर्द जो तुम्हें ही मालूम था बस, अब हमने भी जी लिया है तारे जो सजाये थे तुमने…बिखरे जब बेवफ़ाई की हमने तारे जो सजाये थे तुमने…बिखरे जब बेवफ़ाई की हमने वो छिन गये हमसे भी आज, जो तारे सजाये भूल के तुम्हें हमने तारों ने की खूब वफ़ा… तारों ने की खूब वफ़ा, वाक़िफ़ थे कि हमने की थी तुमसे जफ़ा गुम हो गए आज और गिरे तुम्हारे पास… कह गये मत रो, छीन लीं हैं ख़ुशियाँ उसकी जिसने नहीं दिया तुम्हारा साथ कह गए मत रो, छीन लीं हैं ख़ुशियाँ उसकी जिसने नहीं दिया तुम्हारा साथ एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज, देखो एक तारा टूटा है दर्द जो तुम्हें ही मालूम था बस, अब हमने भी जी लिया है
हर ज़ख़्म
हर ज़ख़्म है नज़र मेरे गुनाह को, बहे तुम्हारे हर आँसू को हर ज़ख़्म है नज़र मेरे गुनाह को, बहे तुम्हारे हर आँसू को चीखता है दिल, रोते हैं अरमान, सिसकती है ये जान चुप करा लेते हैं, ये सोच के की तुमने भी तो सहा है ये अंजाम टूटे रिश्तों में अब भी धड़कContinue reading “हर ज़ख़्म”
नूर ए ख़ुदा
शाइस्ता है मोहब्बत, हर ज़ुल्म पे मुस्कुरा देती है…शाइस्ता है मोहब्बत, हर ज़ुल्म पे मुस्कुरा देती है नासमझ है तू, ये समझ के माफ़ कर देती है कितने पहाड़ कितने मील ज़ाया किए तूने…कितने पहाड़ कितने मील ज़ाया किए तूने ख़ुदा तो ख़ुद ही में है, ये पहचाना नहीं तूने सजदे में किसके झुकता हैContinue reading “नूर ए ख़ुदा”
दिल्ली
एक कोशिश और कर देखें दिल्ली तुझे चाहने की धूल के पर्दे के पीछे शायद पुरानी मोहब्बत मिल जाये
मोहब्बत
जन्नत देखूँगा ये सोच के घर से निकला था; नयी मोहब्बत ढूँढूँगा ये सोच के घर से निकला था जन्नत देखूँगा ये सोच के घर से निकला था; नयी मोहब्बत ढूँढूँगा ये सोच के घर से निकला था तुझे भूल जाऊँगा; बेवफ़ा हो जाऊँगा पर ये तेरी ही मीठी साज़िश है; हाँ, ये तेरी हीContinue reading “मोहब्बत”
वो कोहरा
तेरे उस सफ़ेद कोहरे ने ही तो निखारी थी मेरी मोहब्बत वो गलियाँ याद हैं; तेरी सर्द सर्दी में गुल्फ़ाम होना भी याद है तेरे उस सफ़ेद कोहरे ने ही तो निखारी थी मेरी मोहब्बत वो गलियाँ याद हैं; तेरी सर्द सर्दी में गुल्फ़ाम होना भी याद है और याद है मेरी बेवफ़ाई; वो गलियाँContinue reading “वो कोहरा”
यादगार पल
सुन के तुम्हें आज एक बोझिल अहसास हुआ, सुन के तुम्हें आज एक बोझिल अहसास हुआ, एक उम्र के ज़ाया होने का मलाल हुआ सुन के तुम्हें आज एक बोझिल अहसास हुआ, एक उम्र के ज़ाया होने का मलाल हुआ पहचान तो अपनी बरसों की है, पहचाना तुम्हें मैंने आज ही है पल कोई यादContinue reading “यादगार पल”
तुम्हारी उड़ान
क्यूँ टोकता हूँ तुम्हें, ख़ुद मन की करता हूँ…क्यूँ रोकता हूँ तुम्हें छोटी सी ही बात पर क्यूँ परेशान करता हूँ तुम्हें, प्यार करता हूँ तो जवाब क्यूँ माँगता हूँ, और फिर नज़रें क्यूँ नहीं मिला पाता हूँ सुनोगी मेरी हमेशा ऐसा तो नहीं सोचता, करोगी मेरी कही ये भी नहीं जँचता, फिर क्यूँ ऐसाContinue reading “तुम्हारी उड़ान”
दिल का पुल
एक खाई है जो हम दोनों ने आज बनाई है, एक खाई है जो हम दोनों ने आज बनाई है; नफ़रत की कुदाल से दूरी और बढ़ाई है एक खाई है जो हम दोनों ने आज बनाई है, नफ़रत की कुदाल से दूरी और बढ़ाई है ग़िले यूँ तो बहुत हैं, हर गहरे ख़्वाब केContinue reading “दिल का पुल”