वफ़ादार तारे

एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज , देखो एक तारा टूटा है

एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज, देखो एक तारा टूटा है

दर्द जो तुम्हें ही मालूम था बस, अब हमने भी जी लिया है

तारे जो सजाये थे तुमने…बिखरे जब बेवफ़ाई की हमने 

तारे जो सजाये थे तुमने…बिखरे जब बेवफ़ाई की हमने 

वो छिन गये हमसे भी आज, जो तारे सजाये भूल के तुम्हें हमने

तारों ने की खूब वफ़ा…

तारों ने की  खूब वफ़ा, वाक़िफ़ थे कि हमने की थी तुमसे जफ़ा 

गुम हो गए आज और गिरे तुम्हारे पास…

कह गये मत रो, छीन लीं हैं ख़ुशियाँ उसकी जिसने नहीं दिया तुम्हारा साथ 

कह गए मत रो, छीन लीं हैं ख़ुशियाँ उसकी जिसने नहीं दिया तुम्हारा साथ

एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज, देखो एक तारा टूटा है

दर्द जो तुम्हें ही मालूम था बस, अब हमने भी जी लिया है 

Published by Gaurav

And one day, it flowed, and rescued me!

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