तुम्हारे जाने के बाद

कुछ मासूम पल याद आये आज तुम्हारे जाने के बाद 

एक उम्र पहले दिखे थे तुम…एक उम्र पहले दिखे थे तुम

आज मिले भी तो गुज़र जाने के बाद?

सच है की भूला नहीं था मैं तुम्हें…सच है की भूला नहीं था मैं तुम्हें…

आज याद तो मग़र तुम आए भूल ही जाने के बाद 

ख़फ़ा ख़ुद से हों या ज़िंदगी से…सज़ा दें तो किसे दें

ख़फ़ा ख़ुद से हों या ज़िंदगी से…सज़ा दें तो किसे दें …मुजरिम ढूँढ रहे हैं सब खो जाने के बाद 

ये लफ़्ज़ पहुँचेंगे तुम तक, ये सोच कर तसल्ली दे रहे हैं ख़ुद को…

ये लफ़्ज़ पहुँचेंगे तुम तक, ये सोच कर तसल्ली दे रहे हैं ख़ुद को…वहम का सहारा ले रहे हैं हक़ीक़त ख़त्म हो जाने के बाद  

और कितने पलों पे रोएँगे, सब बह जाने के बाद 

Published by Gaurav

And one day, it flowed, and rescued me!

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