एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज , देखो एक तारा टूटा है एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज, देखो एक तारा टूटा है दर्द जो तुम्हें ही मालूम था बस, अब हमने भी जी लिया है तारे जो सजाये थे तुमने…बिखरे जब बेवफ़ाई की हमने तारे जो सजाये थे तुमने…बिखरे जब बेवफ़ाई की हमने वो छिन गये हमसे भी आज, जो तारे सजाये भूल के तुम्हें हमने तारों ने की खूब वफ़ा… तारों ने की खूब वफ़ा, वाक़िफ़ थे कि हमने की थी तुमसे जफ़ा गुम हो गए आज और गिरे तुम्हारे पास… कह गये मत रो, छीन लीं हैं ख़ुशियाँ उसकी जिसने नहीं दिया तुम्हारा साथ कह गए मत रो, छीन लीं हैं ख़ुशियाँ उसकी जिसने नहीं दिया तुम्हारा साथ एक पैग़ाम भेजा है तुम्हें आज, देखो एक तारा टूटा है दर्द जो तुम्हें ही मालूम था बस, अब हमने भी जी लिया है
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हर ज़ख़्म
हर ज़ख़्म है नज़र मेरे गुनाह को, बहे तुम्हारे हर आँसू को हर ज़ख़्म है नज़र मेरे गुनाह को, बहे तुम्हारे हर आँसू को चीखता है दिल, रोते हैं अरमान, सिसकती है ये जान चुप करा लेते हैं, ये सोच के की तुमने भी तो सहा है ये अंजाम टूटे रिश्तों में अब भी धड़कContinue reading “हर ज़ख़्म”
दिल्ली
एक कोशिश और कर देखें दिल्ली तुझे चाहने की धूल के पर्दे के पीछे शायद पुरानी मोहब्बत मिल जाये
मोहब्बत
जन्नत देखूँगा ये सोच के घर से निकला था; नयी मोहब्बत ढूँढूँगा ये सोच के घर से निकला था जन्नत देखूँगा ये सोच के घर से निकला था; नयी मोहब्बत ढूँढूँगा ये सोच के घर से निकला था तुझे भूल जाऊँगा; बेवफ़ा हो जाऊँगा पर ये तेरी ही मीठी साज़िश है; हाँ, ये तेरी हीContinue reading “मोहब्बत”
वो कोहरा
तेरे उस सफ़ेद कोहरे ने ही तो निखारी थी मेरी मोहब्बत वो गलियाँ याद हैं; तेरी सर्द सर्दी में गुल्फ़ाम होना भी याद है तेरे उस सफ़ेद कोहरे ने ही तो निखारी थी मेरी मोहब्बत वो गलियाँ याद हैं; तेरी सर्द सर्दी में गुल्फ़ाम होना भी याद है और याद है मेरी बेवफ़ाई; वो गलियाँContinue reading “वो कोहरा”
दिल का पुल
एक खाई है जो हम दोनों ने आज बनाई है, एक खाई है जो हम दोनों ने आज बनाई है; नफ़रत की कुदाल से दूरी और बढ़ाई है एक खाई है जो हम दोनों ने आज बनाई है, नफ़रत की कुदाल से दूरी और बढ़ाई है ग़िले यूँ तो बहुत हैं, हर गहरे ख़्वाब केContinue reading “दिल का पुल”